परिचयनाम - प्रसन्न वदन चतुर्वेदी [हाई स्कूल के प्रमाण पत्र में एक शिक्षकमहोदय की कृपा से वदन की जगह बदन हो गया (वदन का अर्थ है मुख और बदन मानेशरीर- पूरा शरीर ही प्रसन्न हो गया) ,ब्लॉग पर सही सही शब्द ही लिख रहाहूँ,क्यो ग़लत लिखा जाए। ]
जन्म दिन - 22-११-७०
जन्म स्थान -गाजीपुर
शिक्षा - बी० एस-सी0 ,एल०एल०बी०,बी० म्यूज० [गोल्ड मेडलिस्ट ],एम०म्यूज०,तबला वादन में द्विवर्षीय डिप्लोमा,कम्प्यूटर में डिप्लोमा।
अभिरुचि - ग़ज़ल लेखन,पढ़ना, गायन,तबला वादन ,खेल इत्यादि।
सम्प्रति - वाराणसी कमिश्नरी में वकालत।
रचनाकार के रूप में - प्रारम्भ से ही साहित्यिक रूचि,संगीत के साथ नेग़ज़ल से जोड़ा। कवि सम्मलेन और कवि गोष्ठियों में भाग लेना पसंद है। अपनी गज़लों को स्वयं गाना बहुत पसंद है।संगीत से जुड़े होने के कारण रचनाएँगाये जाने योग्य होती हैं। कई रचनाओं को गायक कलाकारों द्वारा गाया भीगयाहै।कुछ रचनाएँ अखबारों और नेट पत्रिकाओं जैसे भडास आदि में प्रकाशित॥
पसंदीदा कवि और लेखक - सबकी अपनी अलग विशेषताएं होती हैं।किसी एक का नामक्यो लूँ।फ़िर भी --------------शिवानी और प्रेमचंद की कहानियाँ,कुंवरबेचैन,नीरज,देवकीनंदन खत्री,चतुरसेन शास्त्री,काका हाथरसी,हरिशंकरपरसाई,बशीर बद्र,वसीम बरेलवी,निदा फाज़ली,राहत इन्दौरी शैलेन्द्र, साहिरलुधियानवी।
पसंदीदा गायक/गायिका - मुकेश,रफी,लता,चंदन दास, मोहम्मद हुसैन-अहमदहुसैन,जगजीत सिंह,बेगम अख्तर।