Welcome Author

Tuesday, March 31, 2009

पंकज सुबीर

कहानीकार के रूप में पंकज सुबीर की कहानियाँ बहुचर्चित हंस, वागर्थ, नया ज्ञानोदय, कादम्बिनी, लफ्ज, आधारशिला जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। दैनिक भास्कर , नव भारत, नई दुनिया आदि समाचार पत्रों में 100 से भी अधिक कहानियाँ, व्यंग्य, ग़ज़ल और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं मप्र उर्दू अकादमी के मुशायरों में ग़ज़ल पाठ तथा कहानी पाठ कई बार किया है। पेशे से पत्रकार और हार्डवेयर इंजीनियर है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिये फ्रीलांसिंग करते हैं।
ग़ज़ल के व्याकरण पर कार्य कर रहे हैं और आम बोल चाल की भाषा में ग़ज़ल का व्याकरण लाना चाहते हैं। गज़ल के पिंगल शास्त्र पर कार्यरत तथा उसको हिंदी में किताब के रूप में लाने पर कार्य कर रहे हैं । कवि के रूप में कई अखिल भारतीय कवि सम्मलेन के मंचों पर ओज के कवि के रूप में काव्य पाठ कर चुके हैं तथा मंच संचालन भी। अपने ब्लॉग सुबीर संवाद सेवा पर वर्तमान में पिछले छ: सात माह से ग़ज़ल सिखाने का काम कर रहे हैं जिससे कई सारे सीखने वाले लाभान्वित हुए हैं ।
स्वं का कम्पूटर ग्राफिक्स प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं । एक प्रकाशन शिवना प्रकाशन के प्रकाशक जो कि पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य करता है जिसके तहत आज तक तीन काव्‍य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं तथा काव्य संग्रह पर चल रहा है । कहानियाँ, व्यंग्य लेख एवं कविताएँ कादम्बिनी, हँस, वागर्थ, नया ज्ञानोदय, समर लोक, संवेद वराणसी, जज्बात, आधारशिला, समर शेष है, लफ जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय भाषा परिषद ने लगातार दो वर्षों तक (2005 एवं 2006) युवा कथाकारों के विशेषांक में शामिल किया। तथा देश के प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ ने वर्ष 2007 की युवा लेखकों के विशेषांक में स्थान दिया ।
''हँस'' में प्रकाशित कहानी ''और कहानी मरती है .....'' के लिये प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित । वर्ष 2003 में सुकवि पंडित जनार्दन शर्मा पुरुस्कार प्राप्त हुआ । इटारसी की साहित्यिक संस्था सलिला द्वारा सम्मानित । जल रोको आयोजन के तहत पत्रिका संकल्प के संपादन पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विशेष पुरुस्कार दिया गया । प्रतिष्ठित समाचार पत्रों दैनिक भास्कर, नई दुनिया, नव भारत आदि में समय समय पर सौ से भी अधिक कहानियाँ, व्यंग्य लेख एवं कविताएँ तथा सामयिक लेख प्रकाशित। वर्तमान में ''सुबीर संवाद सेवा'' के नाम से एक इंटरनेट आधारित समाचार एजेंसी के चीफ एडीटर हैं जिसके समाचार देश के सभी प्रमुख समाचार चैनलों में लिये जाते हैं । ''शिवना प्रकाशन'' के माध्यम से पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य । प्रकाशन से अभी तक तीन पुस्तकों ''झील का पानी'', ''बंजारे गीत'' तथा ''गुलमोहर के तले'' का प्रकाशन। ओज के कवि के रूप में कई अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों से काव्य पाठ तथा मंचों का संचालन किया है । तीन कहानियों ''घेराव'' का तेलगू , ''तुम लोग'' का उर्दू में तथा ''ऑंसरिंग मशीन'' का पंजाबी में अनुवाद ।

No comments:

Post a Comment